| ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
| 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | ||
| 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 |
| 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 |
| 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 |
| 27 | 28 | 29 | 30 |
خسته افتاده یکی سنگ به راه
مه گرفته کمر ِ کوهستان
صخره آسوده به طوفان ِ بلا
چهره اش خط خطی عمر ِ دراز
باد می آید و بی هول و ولا
می وزد آهسته در خم ِ کوهستان
می شود زاده گلی از نفس ِ گرم زمین
قُله از دور، نگاهش به زمستان ِ گذار
می رود کوهنورد
مقصد ش تا افق ِ فاصله ها ناپیدا
حسین زرتاب